संयोजन या वियोजन !!
मूर्त अमूर्त घटनाएं देख सुनकर
असमंजस में पड़ जाता हूँ..
विज्ञान को ही सृष्टि के रहस्यों से
पर्दा उठाते पाता हूँ
जड़-चेतन व्यवहार की व्याख्या
विज्ञान से ही समझ पाता हूँ...
“आस-पास” जानने का माध्यम
विज्ञान को ही पाता हूँ,
खाद्यान कंप्यूटर अंतरिक्ष
चिकित्सा की तरक्की के मूल में
विज्ञान को ही पाता हूँ ...
मगर तरक्की का माध्यम बनते ..
विज्ञान के नकारात्मक पहलुओं से
अक्सर शंकित हो जाता हूँ !!!
मंगल शनि स्वभाव
जानने की चाह में
मानव को अनंत ऊँचाइयाँ
छूते पाता हूं ....
मगर धरती के स्वभाव से
अक्सर मानव को
अनजान होते पाता हूँ !!
उत्पादन बढ़ा बहुत है
खाद्यान्न कमी नहीं दिखती है
कीटनाशक रसायनों के उपयोग से
व्याधियां भी आमंत्रित दिखती हैं ...
दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को
डाई क्लोफेनेक दुधारू पशुओं को देते हैं
मृत पशुओं को खाकर गिद्धो को ...
लुप्त होते पाता हूँ !!!!
आवागमन हुआ अब सुलभ
सड़के, फ्लाईओवर जल्दी बन जाते हैं
बलिहारी विज्ञान की देते
तुरंत गंतव्य तक पहुँच जाते हैं ,
मगर आगे बढ़ने की होड़ में
राह ताकते बूढ़े माता-पिता को ....
बच्चे अक्सर "प्लाइ ओवर" कर जाते हैं !!
मोबाइल और इंटरनेट से घटी दूरियां
व्यवसाय खूब विकसाया है
मगर.. व्यावसायी होती मानसिकता से..
बढती दिलों की दूरियां कौन माप पाया है !!
चींटियों और मधुमक्खियों के
व्यवहार का विश्लेषित करने में
विज्ञान को माध्यम पाता हूँ ...
मगर विश्लेषण में ही गुम होकर
अनुशासन, समूह व्यवहार सन्देश को
अक्सर विस्मृत कर जाता हूँ !!
क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हों ..
विचार अपनाकर
हथियारों का जखीरा लगाया हमने
मगर हथियारों की होड़ में अक्सर
मानव को बारूद के ढेर पर बैठा पाता हूँ !!
सृष्टि के पंचतत्वों के
संयोजन और वियोजन से
आविष्कारों की सौगात लुटाता
विज्ञान को पाता हूँ ....
उजाले नापने के मीटर
बहुत बन गए
अँधेरे नापने के मीटर ...
नदारद ही पाता हूँ !!
सामाजिक दृष्टिकोण से
संयोजन को पोषित करता...
विज्ञान को वरदान पाता हूं,
वियोजन को यदि पोषित करता
तो अभिशप्त ही पाता हूँ !!
विज्ञान दुधारी तलवार अगर है
जीवन मन्त्र विज्ञान में पाता हूँ ..
देव शक्ति अबूझ सी लगती !!
विज्ञान में साक्षात दर्शन कर पाता हूँ .
असमंजस में पड़ जाता हूँ..
विज्ञान को ही सृष्टि के रहस्यों से
पर्दा उठाते पाता हूँ
जड़-चेतन व्यवहार की व्याख्या
विज्ञान से ही समझ पाता हूँ...
“आस-पास” जानने का माध्यम
विज्ञान को ही पाता हूँ,
खाद्यान कंप्यूटर अंतरिक्ष
चिकित्सा की तरक्की के मूल में
विज्ञान को ही पाता हूँ ...
मगर तरक्की का माध्यम बनते ..
विज्ञान के नकारात्मक पहलुओं से
अक्सर शंकित हो जाता हूँ !!!
मंगल शनि स्वभाव
जानने की चाह में
मानव को अनंत ऊँचाइयाँ
छूते पाता हूं ....
मगर धरती के स्वभाव से
अक्सर मानव को
अनजान होते पाता हूँ !!
उत्पादन बढ़ा बहुत है
खाद्यान्न कमी नहीं दिखती है
कीटनाशक रसायनों के उपयोग से
व्याधियां भी आमंत्रित दिखती हैं ...
दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को
डाई क्लोफेनेक दुधारू पशुओं को देते हैं
मृत पशुओं को खाकर गिद्धो को ...
लुप्त होते पाता हूँ !!!!
आवागमन हुआ अब सुलभ
सड़के, फ्लाईओवर जल्दी बन जाते हैं
बलिहारी विज्ञान की देते
तुरंत गंतव्य तक पहुँच जाते हैं ,
मगर आगे बढ़ने की होड़ में
राह ताकते बूढ़े माता-पिता को ....
बच्चे अक्सर "प्लाइ ओवर" कर जाते हैं !!
मोबाइल और इंटरनेट से घटी दूरियां
व्यवसाय खूब विकसाया है
मगर.. व्यावसायी होती मानसिकता से..
बढती दिलों की दूरियां कौन माप पाया है !!
चींटियों और मधुमक्खियों के
व्यवहार का विश्लेषित करने में
विज्ञान को माध्यम पाता हूँ ...
मगर विश्लेषण में ही गुम होकर
अनुशासन, समूह व्यवहार सन्देश को
अक्सर विस्मृत कर जाता हूँ !!
क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हों ..
विचार अपनाकर
हथियारों का जखीरा लगाया हमने
मगर हथियारों की होड़ में अक्सर
मानव को बारूद के ढेर पर बैठा पाता हूँ !!
सृष्टि के पंचतत्वों के
संयोजन और वियोजन से
आविष्कारों की सौगात लुटाता
विज्ञान को पाता हूँ ....
उजाले नापने के मीटर
बहुत बन गए
अँधेरे नापने के मीटर ...
नदारद ही पाता हूँ !!
सामाजिक दृष्टिकोण से
संयोजन को पोषित करता...
विज्ञान को वरदान पाता हूं,
वियोजन को यदि पोषित करता
तो अभिशप्त ही पाता हूँ !!
विज्ञान दुधारी तलवार अगर है
जीवन मन्त्र विज्ञान में पाता हूँ ..
देव शक्ति अबूझ सी लगती !!
विज्ञान में साक्षात दर्शन कर पाता हूँ .
.. विजय जयाड़ा
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