अनुभूति
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Monday, 5 October 2015
राह गुज़र आसां चुनी तो ..
राह गुज़र आसां चुनी तो
काफिला बढ़ता ही जाएगा.
मंजिलें हों काँटों भरी तो
काफिला बनता बिगड़ता जायेगा.
साथ दे मुश्किल डगर पर
सच्चा हमसफ़र वही कहलायेगा...
^^ विजय जयाड़ा
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