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Sunday, 25 October 2015

भूखे बहुत हैं मेरे मुल्क में ..





हालात-ए-हाज़रा पर अर्ज़ है.. 
भूखे बहुत हैं मेरे मुल्क में
  पैरवी उनकी भी होनी चाहिए,
बहुत हुई मजहब की बातें
  अब रोटी पर चर्चा होनी चाहिए !
मजहब गर है रोटी से पहले
  मजहब में रंगा सब होना चाहिए !
आब-ओ-हवा हद में ही रहें
   उनका भी मजहब तय होना चाहिए !!

... विजय जयाड़ा 25.10.15

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