हालात-ए-हाज़रा पर अर्ज़ है..
भूखे बहुत हैं मेरे मुल्क में
पैरवी उनकी भी होनी चाहिए,
बहुत हुई मजहब की बातें
अब रोटी पर चर्चा होनी चाहिए !
मजहब गर है रोटी से पहले
मजहब में रंगा सब होना चाहिए !
आब-ओ-हवा हद में ही रहें
उनका भी मजहब तय होना चाहिए !!
... विजय जयाड़ा 25.10.15
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