अनुभूति
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Wednesday, 28 October 2015
मजहब बहुत हैं दुनिया में ..
मजहब बहुत हैं दुनिया में
नया मजहब नहीं बनाना चाहिए,
जोड़ दे जो आपस में सबको
अब धागा एक ऐसा बनाना चाहिए ....
.. विजय जयाड़ा 28.10.15
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