हमेशा संग अंधेरा नहीं लाती
उजाले भी संग लाती है सांझ,
परवाज से लौट आयेंगे परिंदे
ये भरोसा भी दिलाती है सांझ.
उजाले भी संग लाती है सांझ,
परवाज से लौट आयेंगे परिंदे
ये भरोसा भी दिलाती है सांझ.
तप गया काफिला सफर में
छाँव चादर फैलाती है सांझ,
सुबह के बिछुड़े अब मिलेंगे
मन में आस जगाती है सांझ .
छाँव चादर फैलाती है सांझ,
सुबह के बिछुड़े अब मिलेंगे
मन में आस जगाती है सांझ .
.. विजय जयाड़ा
ग्वालियर भ्रमण से लौट कर आई बिटिया, दीपिका का छायांकन देख रहा था.ग्वालियर से 25 किमी. दूर चम्बल नदी पर बने टीकरी बाँध पर सूर्यास्त के समय, अपने जाल में मछलियाँ फंसने की आस भरी टकटकी लगाए मछुआरों की इस तस्वीर पर नजर रुकी.
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