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Tuesday, 6 October 2015

स्पर्श



स्पर्श

   स्पर्श .......
आरोह और अवरोह का
  हर्ष और अवसाद का..
मिलन का और विछोह का
  अभ्युदय और अवसान का..
स्पर्श.....
स्फूर्ति का और श्रांति का
   संवेग और अवरोध का...
आह्लाद का प्रमाद का
लिप्त और निर्लिप्त का
स्पर्श.....
विश्वास का अविश्वास का
   तपन का और शीत का..
जन्म का और मृत्यु का
    युद्ध का और शांति का ...
स्पर्श ....
आवास का प्रवास का
अपनों का और परायों का
श्वास का और प्रश्वास का
  जीव का निर्जीव का..
स्पर्श...
आत्म और परमात्म का
स्थूल का और शून्य का
  साकार का निराकार का ..
  एक सफ़र___
    असत्य से परम सत्य का ....
      स्पर्श ...... जीवन संघर्ष का .....
 
विजय जयाड़ा


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