अतीत का आँगन
अतीत
के आँगन में
अतीत का हिस्सा बन गए
वर्षों पर पड़ी
गर्द की चादर
उठाने में मशगूल था !
तभी !
यादों की गठरी लटकाये
उसी आँगन में
खुद के लिए
जगह की तलाश में
एक और वर्ष
करीब आकर खड़ा हो गया !
मैंने कौतुहलवश पूछा ..
फिर कब मिलोगे ?
मिलोगे भी या नहीं ?
कुछ गंभीर हुआ
फिर बोला..
जरूर मिलूँगा !
मगर तब___
जब यादों से मिलने
मुझ पर पड़ी
धूसर चादर को उठाने
फुरसत से___
तुम मेरे पास आओगे
यादों की गठरी संग
अतीत के इस आँगन में ही पाओगे ..
.. अनहद
अतीत का हिस्सा बन गए
वर्षों पर पड़ी
गर्द की चादर
उठाने में मशगूल था !
तभी !
यादों की गठरी लटकाये
उसी आँगन में
खुद के लिए
जगह की तलाश में
एक और वर्ष
करीब आकर खड़ा हो गया !
मैंने कौतुहलवश पूछा ..
फिर कब मिलोगे ?
मिलोगे भी या नहीं ?
कुछ गंभीर हुआ
फिर बोला..
जरूर मिलूँगा !
मगर तब___
जब यादों से मिलने
मुझ पर पड़ी
धूसर चादर को उठाने
फुरसत से___
तुम मेरे पास आओगे
यादों की गठरी संग
अतीत के इस आँगन में ही पाओगे ..
.. अनहद
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