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Sunday 19 August 2018

बांस



बांस

नि:शक्त की लाठी
गरीब का छप्पर 
हुकूमत का डंडा
मेहनतकश का टोकरा
ये बांस !
बांसुरी की तान
लट्ठमार होली की शान
अल्हड़ बेजुबान
कलमकार की कलम 
विरह की जुबान
ये बांस !
काटो ! हरियाता
गरीब का सहारा
अंतिम साथी
श्मशान तक 
साथ निभाता है
फिर क्यों तिरस्कृत...
फेंक दिया जाता है 
मरघट में
अकेला बेसहारा !!
   ये बांस !!
... अनहद



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