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Saturday, 18 August 2018

मज़हब



मज़हब
जब तृष्णा ज्वार 
प्रबल हो अतिशय 
प्राणों पर संकट
आन पड़े
तब कब दिखते 
प्राण मज़हब में !
   जल में दिखते प्राण पड़े.... 
...
अनहद


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