खुशियाँ
अभावों में पलते
जूझते ही रहते हैं
टुकुर टुकुर बेबस
ताकते रहते हैं
जूझते ही रहते हैं
टुकुर टुकुर बेबस
ताकते रहते हैं
सपने अनेकों
उनकी भी आँखों में हैं
इच्छाएं दिलों में
उनकी भी पलती हैं
उनकी भी आँखों में हैं
इच्छाएं दिलों में
उनकी भी पलती हैं
मासूम इच्छाओं की
हम सब भी कद्र करें
उनके बेरंग जीवन में
हम मिल के रंग भरें
हम सब भी कद्र करें
उनके बेरंग जीवन में
हम मिल के रंग भरें
उपहारों खुशियों से
उनके जीवन में भर दें रस
मिलकर मनाएं__
कुछ इस तरह से क्रिसमस ..
मिलकर मनाएं__
कुछ इस तरह से क्रिसमस..
... अनहद
उनके जीवन में भर दें रस
मिलकर मनाएं__
कुछ इस तरह से क्रिसमस ..
मिलकर मनाएं__
कुछ इस तरह से क्रिसमस..
... अनहद
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