अनुभूति
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Saturday, 19 March 2016
इजाजद हो गर नफरत की
इजाजद हो
गर नफरत की
तो वो मजहब नहीं !
इंसानियत से भी
जरूरी हो ___
कोई मजहबी किताब नहीं !!
.. विजय जयाड़ा
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