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Saturday, 19 March 2016

हर लम्हा हसीन और खुशगवार होता है






हर लम्हा हसीन और खुशगवार होता है
    मासूम सा बचपन जब आसपास होता है !!
.. विजय जयाड़ा 

            इस वर्ष की बौद्धिक फसल तैयार है .. बस सत्रान्त में औपचारिक रूप से ये देखना बाकी है कि बौद्धिक फसल की हर बाली का कितना बौद्धिक विकास हो पाया है !!
            वर्तमान सत्र के पठन-पाठन व परीक्षाओं के दौर की औपचारिक समाप्ति का यादगार लम्हों से परिपूर्ण अंतिम दिन .. मेरी कक्षा, कक्षा-चतुर्थ के बच्चे ..

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