अनुभूति
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Wednesday 16 September 2015
मनोभाव ...
मनोभाव
कुछ पाने की हवस में
खुद को भूल जाता है आदमी,
रह जाता है यहीं सब
साथ क्या ले जाता है आदमी !!
~ विजय जयाड़ा
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