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Wednesday 20 January 2016

बल्द्युं मिजाज



मौसम के इस बदली युक्त ठंडे मिजाज पर गढ़वाली में एक प्रयास .. " बल्द्युं मिजाज " .. हिंदी भावार्थ के साथ .. सादर

>बल्द्युं मिजाज<

सर्ग दिदा कु देखा
मिजाज बल्द्युं छ
दिनमान ठंड अर
   कुएड़ु भी लग्युं छ ..

सर्या ह्यूंद मफलर
बक्सों मा धरयां छा
अब मौल्यार एगि
   टोपलु भी खुजौणा छां !!


ठंड फिर बौड़ै तैं
नया साल मा ऐगि
सर्ग दिदा कु देखा
    मिजाज बदळ गि ...


यनु लग्दु अब तक
ह्युंद दोब बैठ्युँ छौ !
छुट्टी खतम होणा कु
   इंतजार कन्नु छौ !!
.. विजय जयाड़ा 19.01.16
...........................
हिंदी भावार्थ ..
>बादली मिजाज<
मौसम का मिजाज देखो
बादली हो गया है
दिन भर ठंड और
कुहरा भी लग गया है

सर्दियों में मफलर
बक्सों में रखे रहे
अब माघ आया तो
टोपी भी खोज रहे !!

ठण्ड लौट कर
नए साल में आ गयी
मौसम का देखो
मिजाज बदल गया

ऐसा लगता है अब तक
सर्दी घात लगाए बैठी थी !
छुट्टी ख़त्म होने का
इंतज़ार कर रही थी !!

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