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Saturday, 2 April 2016

संकल्प



संकल्प

अधिकारों की
अतुलित चाहत में,
      कर्तव्य पथ___
नव निर्माण न भूलें.
वत्सल मातृभूमि के
आँचल में निसदिन,
      निज गौरव,संस्कृति___
संस्कार न भूलें.
पुन जगदगुरु पद
प्रतिष्ठित हो यह भूमि
      जननी ऋषियों___
महापुरुषों की वीर प्रसूता
आओ मिल
निज स्वार्थ बलिदानों का
शुभ संकल्प
आज शुभ दिवस पर न भूलें
तन मन धन
न्योछावर किया वीरों ने
उनका शुभ संकल्प
    शुभ दिवस पर न भूलें ....
^^ विजय जयाड़ा २६.०१.१४

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