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Saturday, 2 April 2016

उम्र के संग चलने का..



उम्र के संग चलने का.. नतीजा कुछ यूँ हुआ !
बचपन को छोड़ा था जिधर .. खुदा भी ठहर गया !!
.. विजय जयाड़ा


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