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Wednesday 20 April 2016

सतरंगी खुशियों बरसें उपवन में




सतरंगी खुशियों बरसें उपवन में
नित मिलकर मनाएं हम दिवाली

पल्लवित-पुष्पित और गुंजित हर दिन
नन्ही मुस्कानों से खिलती रहे फुलवारी

हर्षित हो हम सब मिलजुल कर
कुत्सित भावों को अब दें तिलांजलि

समरसता के भावों सी सरिता हो
उत्साहित ,सुबह और शाम हमारी

करें तिमिरता को आलोकित
अब प्रदूषणरहित मनाएं हम दिवाली

ज्ञान के दीपक जलें संग-संग
   संग-संग हम रोज़ मनाएं दिवाली..
^^ विजय जयाडा 01.11.13


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