ad.

Saturday 2 April 2016

प्यास


प्यास

एक अतिरेक
एक उल्लास
अलसाए भावों का
उल्लसित रूप !
बिछोह से
मिलन तक की
एक डगर !!
एकाकी से
आलिंगन तक का
एक सफ़र !
भ्रमित मन का
मूल तक का
एक सफ़र !
सुप्त भावों का
झंकृत स्वरुप !
तिमिर से
प्रकाश तक का
एक सफ़र !
अमूर्त को
पाने की ललक !
अतृप्ति से
संतृप्ति तक का
एक सफ़र !!
असंतुष्टि से
संतुष्टि तक की
एक डगर !
अपूर्णता से
पूर्णता की चाह
में बढ़ते कदम !
अकिंचन मगर !
साध्य तक
पहुँच पाने की आस
या
दृढ विश्वास ! प्यास !!
^^ विजय जयाड़ा

No comments:

Post a Comment