इण्डिया गेट पर एक स्वाभिमानी के उद्गार ___
--फेरी वाला--
लाचार नहीं !
स्वाभिमानी हूँ
मौसम से बेपरवाह
चिलचिलाती धूप में
अपनी गृहस्थी का बोझ
अपने कन्धों पर उठाता हूँ
मुझे देखकर
हमदर्दी न जताना
मेरे दोनों हाथ__
बेशक नहीं !
दूसरों की तरह
मैं भी फेरी लगाता हूँ
स्वाभिमान से जीता हूँ
अपनी गृहस्थी का बोझ
खुद उठाता हूँ
मनचाहा दिखे !
मेरे थैले से निकाल लेना
यकीन करना !
निराश नहीं करूँगा
वाजिब दाम लगाऊँगा
उचित लगे ! खरीद लेना
थैले में पैसे डाल देना
मगर___
बेबस न समझना
मुझे देखकर
हमदर्दी न जताना !!
स्वाभिमानी हूँ
अपनी गृहस्थी का बोझ
अपने कन्धों पर उठाता हूँ
मुझे किसी से शिकायत नहीं
फेरी लगाना
मेरी मजबूरी भी नहीं !
पेशा है मेरा !
इंडिया गेट पर फेरी लगाता हूँ
फेरीवाला कहलाता हूँ ....
... विजय जयाड़ा
स्वाभिमानी हूँ
मौसम से बेपरवाह
चिलचिलाती धूप में
अपनी गृहस्थी का बोझ
अपने कन्धों पर उठाता हूँ
मुझे देखकर
हमदर्दी न जताना
मेरे दोनों हाथ__
बेशक नहीं !
दूसरों की तरह
मैं भी फेरी लगाता हूँ
स्वाभिमान से जीता हूँ
अपनी गृहस्थी का बोझ
खुद उठाता हूँ
मनचाहा दिखे !
मेरे थैले से निकाल लेना
यकीन करना !
निराश नहीं करूँगा
वाजिब दाम लगाऊँगा
उचित लगे ! खरीद लेना
थैले में पैसे डाल देना
मगर___
बेबस न समझना
मुझे देखकर
हमदर्दी न जताना !!
स्वाभिमानी हूँ
अपनी गृहस्थी का बोझ
अपने कन्धों पर उठाता हूँ
मुझे किसी से शिकायत नहीं
फेरी लगाना
मेरी मजबूरी भी नहीं !
पेशा है मेरा !
इंडिया गेट पर फेरी लगाता हूँ
फेरीवाला कहलाता हूँ ....
... विजय जयाड़ा
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