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Saturday, 20 August 2016

सूर्यास्त




सूर्यास्त

क्षितिज का
आँचल पकड़ने
अब चला वो
दिवस प्रहरी
स्वर्ण घट
ज्यों ज्यों उतरता
विहग नीड़
अपने पहुँचता,
बाहें लहराता
खड़ा था अब तक
अडिग शिखर
सेनापति देवदारु,
सघन हरीतिमा
उल्लासमय था
    शांत-श्याम__
   क्यों हुआ देवदारु !!


.... विजय जयाड़ा
कोटी-कनासर, जौनसार बावर, देहरादून में सघन देवदार वृक्ष वन की ओट से सूर्यास्त का नजारा ...


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