अनुभूति
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Monday, 29 August 2016
खँडहर बयाँ करते हैं ....
खँडहर बयाँ करते हैं
बीते जमाने की कहानी
बादशाह रहा न रियाया
हुई ख़त्म कहानी !
चार दिन का मेला है
दुनिया ये जिंदगानी
क्यों करते हैं नफरत....
क्यों करते बेईमानी !!
..... विजय जयाड़ा
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