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Friday, 20 May 2016

मंहगाई का जिन्न...



मंहगाई का जिन्न...
अब, पूरा आजाद है !
बोतल बंद होने का..
खौफ सताता नहीं उसे !!
'राष्ट्रवाद'.... 'धर्म'...
अब हुए उसके संग हैं !!

.... विजय जयाड़ा


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