अनुभूति
ad.
Thursday, 19 May 2016
गुजर जाते हैं जो लम्हे ..
गुजर जाते हैं जो लम्हे
लौट कर फिर नहीं आते !
यहीं थम कर बतिया लें
ये मौसम फिर नहीं आते !!
.. विजय जयाड़ा
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment