अनुभूति
ad.
Wednesday, 4 November 2015
डफली
डफली
अपनी-अपनी डफली पर
सब अलग-अलग नाच रहे !
सुर ऐसा दे डफली वाले
थिरकें सब !! सुर एक रहे ...
..... विजय जयाड़ा .......
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment