अनुभूति
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Tuesday 17 November 2015
आसां नहीं है जमीं से ...
आसां नहीं है जमीं से आसमान हो जाना,
उससे भी कठिन है जमीं से आसमान छू लेना।
पाने की चाहत में क्यों करते हैं मुहब्बत !
किसी की यादों में जीना भी है रब को पा लेना।
... विजय जयाड़ा 17.11.15
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