ad.

Saturday, 8 August 2015

धरती मेरे देश की

 

  _\\ धरती मेरे देश की //_

विविध धर्मों के फूल खिले हैं
बहुरंगी धरती मेरे देश की,
झरने पर्वत बहती नदियाँ
     प्यारी धरती मेरे देश की ....
विविध धर्मों के ....... 2
जगत कल्याणी अवतार प्रसूता
वीरों की जननी धरती मेरे देश की,
संत फकीर सूफियों से सेवित
     रत्नगर्भा धरती मेरे देश की....
विविध धर्मों के ........ 2
चरण पखारता हिन्द महासागर
मुकुट हिमालय डटा हुआ,
पूरब पश्चिम........ वंदन करता
      सतरंगी धरती मेरे देश की ....
विविध धर्मों के .........2
 हर दिन उत्सव खेले मेले हैं
खलिहान अनाजों से भरे हुए,
  इस धरती पर मिलजुल सब रहते
  
शस्य-स्यामल, धरती मेरे देश की..  
विविध धर्मों के ........2
प्यारी दुनिया में सबसे प्यारा भारत
हम जय बोलो भारत महान की,
जयकारा
..भारत माता का
      जय .भारत भूमि महान की... 2
  ... विजय जयाड़ा 08..08.15



No comments:

Post a Comment