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Thursday, 11 February 2016

मिला न सुकून इबादत खानों में तेरे



मिला न सुकून इबादत खानों में तेरे
  इंसान बांटा जाता है अब वहाँ !
मिला जो सुकून खुले आसमान तले
   वो बंद इबादत खानों में कहाँ !!

.. विजय जयाड़ा


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