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Wednesday, 13 July 2016

ठहर जाते हैं अल्फ़ाज़ !




ठहर जाते हैं अल्फ़ाज़ !
दिलकश नजारों को देख कर
मेरा सलाम ! कुदरत तुझे !!
तेरी अजब चित्रकारी को देख कर !!
... विजय जयाड़ा

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