अनुभूति
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Thursday, 9 June 2016
रुकना मंजिल नहीं उसकी
रुकना मंजिल नहीं उसकी
उसको तो चलते जाना है
बाधाएं बेशक हैं सफ़र में
मगर__
मंजिल तक बढ़ते जाना है ..
... विजय जयाड़ा
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